शंकराची आरती Shankarachi Aarti | Aarti Sangraha - Sanjeevani Bhelande Lyrics

Singer | Sanjeevani Bhelande |
Song Writer | Traditional |
लवथवती विक्राळा ब्रह्मांडी माळा।
वीषें कंठी काळा त्रिनेत्रीं ज्वाळां।।
लावण्यसुंदर मस्तकीं बाळा।
तेथुनियां जळ निर्मळ वाहे झुळझुळां ।।1।।
जय देव जय देव जय श्रीशंकरा।।
आरती ओवाळूं तुज कर्पुगौरा ।।ध्रु.।।
कर्पुगौरा भोळा नयनीं विशाळा।
आर्धांगीं पार्वती सुमनांच्या माळा।
विभुतीचें उधळण शितिकंठ नीळा।
ऐसा शंकर शोभे उमावेल्हाळा ।। जय. ।।2।।
देवी दैत्यीं सागरमंथन पैं केलें।
त्यामाजी जें अवचित हळाहळ उठिलें।
तें त्वां असुरपषं प्राशन केलें।
नीळकंठ नाम प्रसिद्ध झालें।। जय. ।।3।।
व्याघ्रांबर फणिवरधर सुंदर मदनारी।
पंचानन मनमोहन मुनिजनसुखकारी।
शतकोटीचें बीज वाचे उच्चारी।
रघुकुलतिलक रामदासा अंतरी।।
जय देव जय देव जय श्रीशंकरा।।4।।
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